1 day ago • AKFshop VILOG

जहाज महल महरौली दिल्ली 

3 days ago • AKFshop VILOG

दोस्तों अपने यूट्यूब चैनल की डीपी आज से यह रहेगी तो यह आप लोगों की वजह से ही और आप लोगों की कहाँ पर ही लगाई गई है 

7 days ago • AKFshop VILOG

हजरत अमीर खुसरो सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी को शायरी की एक किताब पेश करते हुए। इस पेंटिंग को सोने के छिड़काव वाले कागज पर तैयार किया गया है।

 #alauddinkhilji   #khilji   #delhisultanate   #amirkhusro   #sufi    #historytours 

8 days ago • AKFshop VILOG

12 फरवरी 1633 

ये तस्वीर मुग़ल शहज़ादा दारा शिकोह के शादी की है जिनकी शादी आज ही के दिन 12 फरवरी 1633 को आगरा में हुई, आगरा फ़ोर्ट में रात के वक़्त शादी समारोह शुरु हुआ और नादिरा बेग़म के साथ निक़ाह क़ुबूल किया, नादिरा बेग़म अपनी सास मुमताज़ की तरह ही बेहद ख़ूबसूरत थी, 

8 days ago • AKFshop VILOG

मुग़ल बादशाह अक़बर ने अपनी हुक़ूमत के 50 साल पूरे होने के मौके पर ये सिक्का लॉन्च किया था। सिक्के के एक तरफ देवनागरी लिपि में राम-सिया लिखा हुआ है और उनकी तस्वीर भी है। सिक्के के दूसरी तरफ फ़ारसी में امرداد یلاهی 50 (50 वां वर्षगांठ) लिखा है। महराणा प्रताप से जंग की वजह से जो अक़बर को हिंदू विरोधी बताते है ये सिक्का बताने के लिए काफी है की अक़बर सत्ता विरोधी थे धर्म विरोधी नहीं। उन्होंने अपने दरबार मे मुस्लिमों से ज़्यादा हिंदुओं को तरजीह दी अकबर ने हूकूमति काम के लिए काबिलियत की बुनियाद पर ओह्देदारी और मनसब दिया था। 

8 days ago • AKFshop VILOG

पटौदी के नवाब इफ़्तिख़ार अली ख़ान और भोपाल नवाब बेगम साजिदा सुल्तान की शादी की यह तस्वीर 1939 में भोपाल की एक प्रोफ़ेशनल महिला फ़ोटोग्राफ़र ने क्लिक की थी। जिसमें नवाब पटौदी और साजिदा सुल्तान की "सलामी" रस्म के दौरान अन्य महिलाओं के साथ दिख रही हैं।

सलामी मुस्लिम शादियों में एक रस्म होती हैं जहां महिलाएं दूल्हा दुल्हन को तोहफ़े देती हैं। उस समय भोपाल में पर्देदारी की वजह से दूल्हा के साथ उसके दोस्तो या दूसरे मर्दो को औरतों में जाने की इजाज़त नहीं होती थी, इसलिए किसी पुरुष फ़ोटोग्राफ़र को भी औरतों में जाने की इजाज़त नहीं दी गई। 

ऐसा माना जाता है कि यह पहली बार था कि किसी मुस्लिम शादी में सलामी रस्म की तस्वीरें खींची गईं, ये 1939 का दौर था। 

8 days ago • AKFshop VILOG

मुग़ल शासक जब किसी पर अपनी कृपा ज़ाहिर करना चाहते तो उसको पत्र में अपने हाथ का एक निशान भेजा करते थे। इस पत्र में शाह जहाँ ने राजा दालान सिंह को अपने हाथ का निशान भेजा है। 

9 days ago • AKFshop VILOG

समरक़ंद (उज़्बेकिस्तान) में मौजूद बीबी ख़ानम मस्जिद तैमूरी सल्तनत की सब से बेहतरीन इमारत मानी जाती है. इस शानदार और बा-रौब मस्जिद का नाम तैमूर की बीवी बीबी ख़ानम के नाम पर है. . तैमूर ने हिन्दुस्तान पर हमला करने (1398) के बाद ये मस्जिद बनवाई थी जब उस ने समरक़ंद को अपनी राजधानी बनाया था. ये मस्जिद 1399 ईस्वी में मस्जिद का काम शुरू हुआ और 1404 में पूरी हुई. कहते हैं कि इस मस्जिद की तामीर में तैमूर ने बड़ी दिलचस्पी ली एक बार तो वो काम के आहिस्ता होने पर नाराज़ हो गया था.

मस्जिद की बाहरी दीवार 168 मीटर ऊंची, 109 चौड़ी है और इसके गुम्बद की ऊंची 40 मीटर है. गुम्बद पर बहुत खूबसूरती के साथ क़ुरआन की आयात कंदा हैं.


जिनको लगता है कि ताजमहल बनाने वालों ने और बाकी मारते क्यों नहीं बनाई समरक़ंद (उज़्बेकिस्तान ) चले जाएं और वहां के मुसलमान ने ताजमहल से पहले भी बहुत सारी इमरती बनाई थी 

9 days ago • AKFshop VILOG

ग़ाज़ीपुर शहर में मालगोदाम रोड पर रोडवज़ बस स्टैंड के पीछे मौजूद ये मकबरा शहंशाह अकबर के दौर में शहर कोतवाल रहे सैय्यद मोहसिन खान का है। आज आप इस मकबरे की हालत देखिये बस ये अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है किसी ज़माने में इस जगह की अज़मत का आलम ये था की ये पूरा खित्ता एक खूबसूरत बाग़ से घिरा हुआ करता था। उसे कैसर बाग़ के नाम से जाना जाता था। और इस पूरे इलाके को मुगलानी महाल के नाम से जाता था। मोहसिन खान का असल काम शहर में अनाज और दीगर साज़ोसामान की आवाजाही की हिफाज़त को यकीनी बनाना था। उनके ज़ेरे निगरानी शहर में जगह जगह पुलिस चौकियां बनी हुयी थीं। ये मकबरा लाखौरी ईटों से बना हुआ है और उसके ऊपर प्लास्टर हुआ करता था। अगर आप मेहराब को देखें तो इसे भी बड़ी ही खूबसूरती से सजाया गया था। मकबरे में 3 कब्रें मोजूद हैं जिसमें एक कब्र मोहसिन खान की है एक उनकी बीवी की और एक उनके खानदान के किसी और फर्द की। लेकिन आज की तारीख़ में कब्रों के निशानात तक बाकि न रहे।
बुजुर्गों की इन धरोहर को आखिर हम क्यों नहीं बचा पा रहे हैं यह एक सोचने का विषय है 

9 days ago • AKFshop VILOG

यह हैं फ्रांसिसी बिज़नस मैन रशीद नकाज़ अल्जैरिन जिन्होंने अब तक 1552 मुस्लिम ख़वातीन के नक़ाब पहनने पर तीन लाख 15 हज़ार यूरो जुर्माने के तौर पर अदा किया !!

रशीद साहब का कहना है मेरी बहन आप आज़ादी के साथ नक़ाब पहन कर घर से निकलें जुर्माना आपका भाई अदा करेगा !!

फ्रांस, बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया में जब मुसलमान ख़्वातीन के नक़ाब पहनने पर जुर्माना लगा दिया गया तब उन्होंने यह ऐलान कर दिया के जिस भी मुसलमान बहन पर नक़ाब पहनने की वजह कर जुर्माना होगा उसका जुर्माना मैं अदा करूंगा !!

चुनांचे कई सालों से रशीद नकार साहब अब तक 1552 मुस्लिम ख़वातीन के नक़ाब पहनने पर अब तक 3 लाख 15 हज़ार यूरो  जुर्माने के तौर पर  अदा किए हैं !!

इन्हें जैसे ही शिकायत मिलती है यह ख़ुद वहां पहुँच जाते हैं !!

अपने एक इंटरव्यू में रशीद साहब ने मुस्लिम ख़्वातीन को मुख़ातिब कर के कहा मेरी बहन आप आज़ादी के साथ नक़ाब पहन कर घर से निकलें जुर्माना आपका भाई अदा करेगा !!

आज यह पोस्ट लिखते हुए यह महसूस हो रहा बेशक आप अपनी ताक़त से कानून बना कर हमें पामाल करने की कोशिश करो लेकिन जब तक सुपर पावर (अल्लाह ) न चाहे तुम हमें पामाल नहीं कर सकते वो किसको मुहाफ़िज़ बना कर खड़ा कर दे तुम सोच भी नहीं सकते !!

 #अल्लाह_हु_अकबर  ❤️

 #we_love_mohammad_ﷺ_challenge