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जिंदगी कुछ भी नहीं केवल है एक धोखा तहस-नहस कर जाता इसको हवा का बस एक झोका । कश्ती है यह कशमकश की इसमें कोई बात नहीं सुख और दुख है इसके साथी जिनका कोई अनुमान नहीं। तेरा मेरा करते-करते जिंदगी हुई बेगानी है ईषृया देष और नफरत की यह खिली हुई फुलवारी है।
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